Wednesday 8 April 2015

LESS GIRL CHILD

दोस्तों आपने अक्सर न्यूज़ चैनल पर सुना होगा और समाचार पत्रों में पढ़ा होगा कि देश में और अधिकतर राज्यों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम है। जिसके लिए बुद्धिजीवी और जनता एक सुर में कन्या भ्रुड़ हत्या, लड़कियों की तस्करी, दहेज़ हत्या आदि समाज की कुरीतियों और अंततः सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। जो की सही भी है।

पर क्या आपको पता है कि समाज में इस लिंग अनुपात में असंतुलन अर्थात लड़कियों की कमी के पीछे इन समाज की कुरीतियों और सरकार के साथ-साथ प्रकृति भी जिम्मेदार है....??

विश्वास नहीं हो रहा ना। चलिये हम बताते हैं ऐसा कैसे.

मनुस्य में बच्चा पैदा होने के लिए माता और पिता के गुड़सूत्रों का मिलना जरुरी होता है जो gamete के रूप में होते हैं। बच्चा नर होगा या मादा ये पिता के gamete के ऊपर निर्भर करता है। पिता में २ तरह के gamete होते हैं एक X gamete और दूसरा Y gamete.

प्राकृतिक रूप से लड़का होने की संभावना लड़की के तुलना में इसलिए ज्यादा होती है क्योंकि गुणसूत्र(Y) जो की लड़का पैदा करने के लिये जिम्मेदार होता है वो लड़की पैदा करने के लिए जिम्मेदार गुणसूत्र(X) से छोटा होता है।
इसलिए निषेचन(fertilization) के समय Y गुणसूत्र मादा gamete अंडाणु(ovum) के पास जल्दी पहुँच जाता है। इसीलिए लड़का पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है।
(१०३-१०६ लड़का : १०० लड़की)

> Naturally Its likely more chance to born a male baby than a female baby b/c the chromosome(Y) respontible for the male baby is smaller than the chromosome(X) respontible for female baby. So Y chromosome reaches fast to the ovum during fertilization. (103 to 106 male child : 100 female child)

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